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उत्तराखंड में आफत की बारिश, कुमाऊं में बाढ़ सा नजारा; जान बचाना मुश्किल; PHOTOS

बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए शाम तक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें जुटी रहीं। खटीमा में शाम तक करीब 500 लोगों को रेस्क्यू किया गया। पुलिस, एसडीआरएफ की कई टीमों द्वारा देर शाम तक रेस्क्यू किया।

उत्तराखंड में आफत की बारिश, कुमाऊं में बाढ़ सा नजारा; जान बचाना मुश्किल; PHOTOS
Himanshu Kumar Lallहल्द्वानी, हिन्दुस्तान टीमTue, 09 Jul 2024 09:47 AM
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उत्तराखंड में मॉनसूनी बारिश का कहर जारी है। उधमसिंहनगर जिले में बारिश कहर बनकर बरसी है। लगातार तीसरे दिन जारी बारिश के कारण कुमाऊं के तराई क्षेत्र में हालात बेकाबू हो गए। खटीमा और सितारगंज में ग्रामीण और शहरी इलाके बाढ़ में डूब गए।

सड़कों पर नाव उतारनी पड़ी।  खटीमा में बाढ़ प्रभावितों को बचाने के प्रयास में दो युवकों की डूबने से मौत हो गई। वहीं शक्तिफार्म में एक युवक नदी में और बनबसा में एक बच्ची नाले में बह गए। देहरादून में 17 वर्षीय किशोरी बिंदाल नदी में बह गई।

लापता तीनों की तलाश जारी है। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए शाम तक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें जुटी रहीं। खटीमा में शाम तक करीब 500 लोगों को रेस्क्यू किया गया। पुलिस, एसडीआरएफ की कई टीमों द्वारा सोमवार देर शाम तक राहत व बचाव का कार्य जारी रहा। 

प्रभावितों को बचाने में चली गई जान
खटीमा के हल्दी ग्राम में बाढ़ में फंसे परिवारों की मदद करने निकले 18 वर्षीय प्रिंस पुत्र राम कृपाल और 20 वर्षीय सन्नी पुत्र धर्मेंद्र की पानी में डूबने से मौत हो गई। एनडीआरएफ की टीम ने दोनों युवकों के शव पानी से बरामद कर लिए हैं।

वहीं शक्तिफार्म में सोमवार सुबह 33 वर्षीय संजीत मंडल उर्फ बप्पी पुत्र हजारी, निवासी बीस क्वार्टर, निर्मलनगर सूखी नदी में मिट्टी धंसने से बह गए। उनके साथ मौजूद दो अन्य युवक बाल-बाल बचे। शाम तक संजीत का कुछ पता नहीं चल सका था।

वहीं रविवार रात कटना नाले में बहे इसी गांव के जगदीश मंडल का सोमवार को भी पता नहीं चल सका। स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों समेत एसडीआरएफ भी राहत और बचाव कार्य में जुटी रही।

बाढ़ से बिगड़े हालात
-खटीमा, सितारगंज, शक्तिफार्म, नानकमत्ता भी बाढ़ की चपेट में है। खटीमा में 500 लोगों को रेस्क्यू किया। नानकमत्ता के बिचुआ में 65 परिवार बाढ़ में फंसे।
-लालकुआं स्टेशन पर ट्रैक पानी में डूबने से ट्रेनें काठगोदाम नहीं पहुंच सकीं, इससे काठगोदाम और टनकपुर रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का संचालन ठप रहा।
- पिथौरागढ़ जनपद में धारचूला से तवाघाट और तवाघाट से लिपूलेख राष्ट्रीय राजमार्ग बंद।
- खटीमा में जसारी-पटपुरा पुल बाढ़ में बहा। राजीव गांधी नवोदय विद्यालय खटीमा में जलभराव के बीच फंसे बच्चों का रेस्क्यू किया।
- बाजपुर के गांव गुमसानी में लेवड़ा नदी का बंधा टूटा। टनकपुर-बनबसा में जलभराव से करीब पचास मवेशियों की मौत हुई।
- हल्द्वानी में गौला नदी का जलस्तर बढ़ने से रेलवे स्टेशन और स्टेडियम को खतरा बढ़ा। बागेश्वर के जिला अस्पताल के वार्ड में पानी भर गया।
-नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में आज भी बंद रहेंगे स्कूल।
- टनकपुर-बनबसा में जलभराव से करीब 50 मवेशियों की मौत हुई।
 -बाजपुर के गांव गुमसानी में लेवड़ा नदी का बंधा टूटा।

प्रशासन की अदूरदर्शिता से 800 मवेशियों की जान पर बनी
खटीमा। दियां गांव में बहुत इंतजार के बाद बनाई गई गोशाला कामन नदी की बाढ़ को नहीं झेल पाई। बाढ़ के पानी से गोशाल की चारों ओर की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई। गोशाला परिसर में पानी भर गया। हालांकि मवेशियों के लिए बनाए शेड ऊंचाई पर होने के कारण मवेशी सुरक्षित हैं।

क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र बताते हुए जगह का चयन निरस्त करने को कहा था, पर प्रशासन ने गोशाला का निर्माण शुरू कर दिया। जिसका नतीजा पहली ही बरसात में देखने को मिल गया। शनिवार और रविवार को भाजपा नेता रामू जोशी और स्थानीय प्रशासन की मदद से पूर्व ब्लॉक प्रमुख दान सिंह राणा की बिरया मझोला स्थित राइस मिल में मवेशियों को शिफ्ट किया गया।

गोशाला के प्रबंधक बिपिन जोशी ने बताया कि सोमवार की सुबह से ही मवेशी शिफ्ट कर दिए गए हैं। इस समय बिरया मझोला में 800 से अधिक मवेशी रखे गए हैं, जबकि गोशाला में लगभग 50 मवेशी हैं जो बीमार हैं।

पहेनिया गांव में परवीन नदी पर बना तटबंध टूटा
खटीमा। पहेनिया में परवीन नदी पर बना रपटा तटबंध टूट गया। पानी की निकासी नहीं होने से पानी ने तटबंध तोड़ दिया। जिससे परवीन नदी के पानी का रुख गांव की ओर हो गया। इससे टोल प्लाजा से लेकर कुमरहा आदि गांव में पानी ही पानी भर गया।

सेजना-पहेनिया मार्ग पर परवीन नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद यहां एक रपटा बनाया गया था। यह रपटा ही परवीन नदी के टूटने का कारण बना है। लालकोठी से निकलने वाली परवीन नदी में बरसाती पानी भी आता है।बारिश का पानी नदी से ओवरफ्लो हो गया।

रपटे के पास पानी की निकासी नहीं होने से नदी के पानी ने रुख बदल दिया। पानी ने तटबंध तोड़ दिए। जिससे नहर के पानी का रुख गांव ककि और हो गया। क्षेत्र पंचायत सदस्य लवली राणा ने कहा कि यहां अगर पुल होता तो तटबन्ध नहीं टूटता।

पेड़ के सहारे काटी रात, सुबह गांव वालों ने बचाया
खटीमा। वनभुड़िया निवासी हरीश सिंह रविवार की रात को पानी बढ़ने के साथ ही अपने रिस्तेदार के यहां जाने के लिए साइकिल से निकला। तब तक पानी सड़क पर बहुत बढ़ गया। जब वह सड़क पर पहुंचा तो साइकिल सहित धार में बह गया। हरीश ने किसी तरह वहां एक पेड़ को पकड़ लिया और पेड़ पकड़ कर ही रात भर रहा। सुबह जब लोगों ने उसे देखा तो रस्सियों के सहारे सुरक्षित निकाला।

सीएम धामी आज करेंगे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को चम्पावत और ऊधमसिंहनगर जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। चम्पावत के डीएम नवनीत पांडेय ने बताया कि मंगलवार को सीएम पौड़ी गढ़वाल से प्रस्थान कर पूर्वाह्न 11 बजे एनएचपीसी हेलीपैड बनबसा पहुंचेंगे।

यहां से मुख्यमंत्री टनकपुर, बनबसा और खटीमा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई एवं स्थलीय निरीक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री इस दौरान राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा और प्रभावितों से भेंट भी करेंगे। वहीं, उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अफसरों को हाईअलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सोमवार को गोपेश्वर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अफसरों से मौसम का अपडेट लिया।