पहले कोरोना फिर संघर्षों का दौर, चुनौती भरे रहे 5 साल; व्लादिमीर पुतिन से क्या बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, 'बीते 5 साल पूरी दुनिया और मानवता के लिए बहुत चिंताजनक व चुनौतीपूर्ण रहे। इस दौरान हमें कई समस्याओं से गुजरना पड़ा। पहले तो कोरोना महामारी के कारण और बाद में संघर्षों का युग रहा।'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में शामिल हुए। पीएम ने कहा, 'महामहिम और मेरे दोस्त, मैं इस भव्य स्वागत और सम्मान के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। भारत में चुनावों में हमें अभूतपूर्व जीत मिली। उसके बाद आपने जो शुभकामनाएं दीं, उसके लिए भी मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। मार्च में आपने भी शानदार प्रदर्शन किया था। चुनाव में जीत के लिए मैं एक बार फिर आपको शुभकामनाएं देता हूं।' पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 2.5 दशकों से मेरा रूस के साथ-साथ आपके के साथ भी संबंध रहा है। करीब 10 साल में हम 17 बार मिल चुके हैं। पिछले 25 वर्षों में हमारी लगभग 22 द्विपक्षीय बैठकें हुई हैं। यह हमारे संबंधों की गहराई को दर्शाता है।
नरेंद्र मोदी ने व्लादिमीर पुतिन से कहा, 'बीते 5 साल पूरी दुनिया और मानवता के लिए बहुत चिंताजनक व चुनौतीपूर्ण रहे। इस दौरान हमें कई समस्याओं से गुजरना पड़ा। पहले तो कोरोना महामारी के कारण और बाद में संघर्षों का युग रहा। विभिन्न हिस्सों में तनाव के कारण मानव जाति के लिए अनेक संकट पैदा हुए। ऐसे समय में जब दुनिया खाद्य-ईंधन-उर्वरक संकट से जूझ रही थी, तब भी भारत-रूस की मित्रता और सहयोग के कारण मैंने अपने देश के किसानों को संकट नहीं आने दिया। उर्वरक के संकट को लेकर हमारी मित्रता ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। हम किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध हैं। आने वाले दिनों में भी हम चाहेंगे कि रूस के साथ हमारा सहयोग किसानों के हित में और आगे बढ़े।'
आतंकवाद पर क्या बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, 'पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है। आतंकवाद कितना भयानक होता है, वह हम पिछले 40 वर्षों से सामना कर रहे हैं। इसलिए जब मास्को में आतंकवादी घटनाएं हुईं, जब दागिस्तान में आतंकवादी घटनाएं हुईं, उसका दर्द कितना गहरा होगा इसकी मैं कल्पना कर सकता हूं। मैं सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं।' नरेंद्र मोदी ने कहा कि शांति बहाली के लिए भारत हर तरह से सहयोग करने को तैयार है। मैं आपको और विश्व समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है। कल मेरे मित्र पुतिन को शांति के बारे में बात करते हुए सुनकर मुझे आशा मिलती है। मैं अपने मीडिया मित्रों से कहना चाहूंगा- संभव है।
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