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NIRF Ranking 2024: आखिर कैसे मिलती है यूनिवर्सिटी को रैंकिंग? कौन देता है रैंकिंग? जानिए सारे सवालों का जवाब

NIRF 202 की लिस्ट जल्दी ही आने वाली है। ऐसे क्या आप को पता है NIRF में रैंकिंग किन पैरामीटर के आधार पर की जाती है, और हर एक पैरामीटर को कितना वेटेज मिला है? सारी जानकारी यहां पढ़िए।

NIRF Ranking 2024: आखिर कैसे मिलती है यूनिवर्सिटी को रैंकिंग? कौन देता है रैंकिंग? जानिए सारे सवालों का जवाब
Prachiलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीTue, 09 Jul 2024 05:59 PM
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शिक्षा मंत्रालय देश में स्थित सभी शिक्षण संस्थानों की एक रैंकिंग लिस्ट जारी करता है, जिसे NIRF(National Institutional Ranking Framework) कहा जाता है। क्या आपको इस बारे में पता है, कि शिक्षा मंत्रालय हर कॉलेज और इंस्टीट्यूट में जाकर, वहां मौजूद रिसोर्स का निरीक्षण करता है, उसके आधार पर कॉलेज या इंस्टीट्यूट को रैंक दी जाती है। NIRF की लिस्ट में जिस कॉलेज को ऊपर की रैंक प्राप्त होती है, वे उतने ही अच्छे होते हैं। वहां पढ़ाई से लेकर एक्स्ट्रा करिकुलम की सभी एक्टिविटी का स्तर बहुत अच्छा होता है। 

लेकिन क्या आपको यह पता है कि किन आधार पर शिक्षा मंत्रालय इन कॉलेज या यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट को रैंक देता है। रैंक देने का पैमाना क्या होता है। कैसे कुछ कॉलेजों को अच्छी रैंक मिलती है, तो कुछ को आखिरी रैंक दी जाती है? आपके इन्हीं सभी सवालों का जवाब आपको हम, यहां देंगे। इस वर्ष NIRF रैंकिंग 2024 शिक्षण संस्थानों को रैंक प्रदान करने का नौवां एडिशन निकालेगा। 

विभिन्न शिक्षण संस्थानों को रैंक प्रदान करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक कोर समिति का गठन किया है। इस समिति की सिफारिशों के बाद ही यूनिवर्सिटी या कॉलेज को मापदंड करने के पांच पैरामीटर तो तय किया गया है। 
1.    कोर समिति द्वार दिए गए मानदण्डों के आधार पर रैंकिंग के लिए एक मैट्रिक्स सेट को बनाया जाता है। 
2.    हर एक रैंकिंग पैरामीटर को वेटेज दी गई है 
3.    हर एक पैरामीटर के सब हेड में स्कोर देने के लिए उससे जुड़े डेटा का अध्ययन और निरीक्षण करने का प्रयास किया जाता है। जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहे।
4.    इसके बाद हर एक पैरामीटर के सब हेड द्वारा प्राप्त अंकों को जोड़कर, प्रत्येक पैरामीटर का स्कोर गिना जाता है। इसके बाद सभी पैरामीटर को मिली वेटेज के अनुसार स्कोर दिया जाता है। 
5.    इसके बाद संस्थानों को उनके द्वारा प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है।

जानिए वे कौन से पांच पैरामीटर है, जिनके आधार पर रैंकिंग दी जाती है- 
1.    टीचिंग, लर्निंग और संसाधन (मार्क्स 100, वेटेज 0.30)
2.    रिसर्च और प्रोफेशनल प्रैक्टिस (मार्क्स 100, वेटेज 0.30)
3.    आउटरीच और समावेशिता ( मार्क्स 100, वेटेज 0.10)
4.    ग्रेजुएशन आउटकम (मार्क्स 100, वेटेज 0.20)
5.    धारणा (मार्क्स 100, वेटेज 0.10) 

NIRF की रैंकिंग कुल 13 कैटेगरी में जारी की जाती है, जिसमें ओवरऑल, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, रिसर्च संस्थान, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मे��ी, मेडिकल, डेंटल, लॉ, आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, एग्रीकल्चर एंड अलायड सेक्टर और इन्नोवेशन शामिल हैं। 

शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को रैंकिंग देने की शुरुआत 2016 से की थी, जिसमें 3,500 संस्थानों ने भाग लिया था। पिछले वर्ष ओवरऑल कैटेगरी में आईआईटी, मद्रास ने टॉप किया था, इसके बाद दूसरी रैंक आईआईएससी (IISc), बैंगलुरू को मिली थी। वहीं तीसरा स्थान आईआईटी दिल्ली को मिला था। मेनेजमेंट कैटेगरी में आईआईएम, अहमदाबाद और मेडिकल कैटेगरी में एम्स, दिल्ली ने टॉप किया था। शिक्षा मंत्रालय जल्द ही NIRF 2024 की रैंकिंग लिस्ट को जारी करने वाला है।

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