Advertisment

Income tax return: मकान किराये पर कैसे क्लेम करें टैक्स छूट, भले ही आपको न मिलता हो HRA

ITR Filing : जो लोग नौकरी नहीं करते या जिनके वेतन में HRA की रकम शामिल नहीं है, क्या उन्हें भी अपने मकान किराए पर टैक्स छूट मिल सकती है? इस बारे में क्या कहते हैं आयकर के नियम?

author-image
Viplav Rahi
New Update
Income Tax, Income Tax Return, ITR, ITR Filing, Income Tax Return Filing, HRA, House Rent Allowance, HRA Tax Exemption, HRA Tax Benefit, Section 80GG

Tax Benefits on House Rent: जिन लोगों को HRA नहीं मिलता वे भी मकान किराये पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. (Image : Pixabay)

Income Tax Return Filing, HRA benefits: इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले अधिकांश नौकरीपेशा लोगों के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर मिलने वाली टैक्स छूट, एक बड़ी राहत होती है. अक्सर ये उन्हें मिलने वाली सबसे ��ड़ी टैक्स छूट भी होती है. लेकिन जो लोग नौकरी नहीं करते या जिन्हें सैलरी ब्रेक-अप में HRA की रकम शामिल नहीं है, क्या उन्हें भी अपने मकान किराए पर टैक्स छूट मिल सकती है? इस सवाल का जवाब है हां. ऐसे लोग भी टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं, लेकिन उसके नियम और टैक्स छूट की लिमिट थोड़ी अलग होती है. हो सकता है ऐसे मामले में मिलने वाली टैक्स छूट उन लोगों को मिलने वाली राहत से कम हो, जिन्हें HRA का बेनिफिट मिलता है. लेकिन कोई फायदा नहीं मिलने से तो यह फिर भी बेहतर ही है. हम आगे जानेंगे कि जिन लोगों को HRA नहीं मिलता, वो इस टैक्स छूट का फायदा कैसे उठा सकते हैं. लेकिन पहले समझ लेते हैं कि HRA पाने वालों को यह लाभ कैसे मिलता है.

HRA पर कैसे मिलती है टैक्स छूट 

संगठित क्षेत्र (Organised Sector) के अधिकांश एंप्लॉयर अपने कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस (HRA) यानी मकान किराया भत्ता देते हैं, जो उनकी सैलरी या कॉस्ट टू कंपनी (CTC) का पार्ट होता है. यह रकम इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10(13A) के तहत टैक्स फ्री होती है. लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें भी लागू होती हैं, जिनके तहत HRA पर टैक्स छूट उतनी ही रकम पर मिलती है, जो इन तीनों में से सबसे कम हो:

1. मूल वेतन का 50 प्रतिशत (अगर आप गैर-मेट्रो शहर में रहते हैं तो 40 प्रतिशत) + महंगाई भत्ता.

2. HRA के तौर पर मिलने वाली वास्तविक रकम 

3. भुगतान किए गए वास्तविक किराये में से आपके मूल वेतन+महंगाई भत्ते के 10 प्रतिशत के बराबर रकम घटाने के बाद बचने वाला अमाउंट. 

Also read : Mutual Fund की इस कैटेगरी में हर स्कीम ने दिया 48% से ज्यादा रिटर्न, ऐसी क्या है खूबी



जिन्हें HRA नहीं मिलता वो क्या करें? 

ऊपर हमने HRA पाने वालों के लिए टैक्स कैलकुलेट करने का फॉर्मूला बताया. लेकिन अगर आपका एंप्लॉयर HRA नहीं देता या आप सेल्फ एंप्लॉयड हैं, तो क्या करें? दरअसल आयकर अधिनियम का सेक्शन 80GG ऐसे ही टैक्सपेयर्स को राहत देने का काम करता है. ऐसे लोग अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय सेक्शन 80GG के तहत टैक्स में कटौती का लाभ उठा सकते हैं.

Also read : Investment: बैंक एफडी से ज्यादा ब्याज देने वाले कॉरपोरेट एफडी में निवेश कितना सही? क्या डेट फंड है बेहतर ऑप्शन

सेक्शन 80GG क्या है?

इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80GG आपको अपने मकान किराए के लिए भुगतान की रकम रकम पर टैक्स में छूट का लाभ उठाने की अनुमति देता है. इस सेक्शन के तहत टैक्स छूट नीचे बताई गई रकम में से सबसे कम अमाउंट पर मिलेगी :

- 5,000 रुपये प्रति माह (60,000 रुपये प्रति वर्ष)

- आपकी कुल आय का 25 प्रतिशत

- या वास्तविक भुगतान किए गए किराए में से आपकी कुल आय की 10 फीसदी रकम घटाने के बाद बची राशि. 

लेकिन अगर आपके पति या पत्नी, नाबालिग बच्चे या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के पास उस जगह पर घर है, जहां आप आमतौर पर रहते हैं या बिजनेस करते करते हैं, तो आपको इस रियायत का लाभ नहीं मिल पाएगा. इसके अलावा HRA के मामले में यह टैक्स छूट सिर्फ ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत मिलती है. न्यू टैक्स रिजीम में यह सुविधा नहीं है.

Also read : Mutual Fund: पैसिव हाइब्रिड फंड कब होंगे लॉन्च? सेबी की इस नई पहल का क्या है मतलब

सेक्शन 80GG के तहत टैक्स छूट कैसे क्लेम करें 

आप अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते समय सेक्शन 80GG के तहत मकान किराए पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए आपको पहले से ही रेंट एग्रीमेंट या किराए की रसीद जैसे सबूत देने की जरूरत नहीं है, लेकिन आगे चलकर आयकर विभाग से पूछता�� होने पर ये दस्तावेज देने पड़ सकते हैं. इसलिए उन्हें संभाल कर रखना आपके लिए अच्छा रहेगा.

यह छूट क्लेम करने के लिए आपको अपने ITR फॉर्म में सभी विवरण दर्ज करने होंगे, साथ ही एक अलग फॉर्म 10BA भी भरना होगा, जिसमें आपके किराए के समझौते और लेन-देन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मांगी जाती है. फॉर्म 10BA में आपको अपना नाम, पैन या आधार नंबर, रहने की जगह का पता, किराए की अवधि और अपने मकान मालिक का नाम, पैन नंबर और पूरा पता बताना होगा.

Also read : NFO : टाटा ने लॉन्च किया देश का पहला टूरिज्म इंडेक्स फंड, संभावनाओं से भरे इस सेक्टर में निवेश का नया तरीका

हालांकि पति या पत्नी या बच्चों को दिए गए किराए पर इस सेक्शन के तहत टैक्स छूट नहीं मिलती, लेकिन आप अपने माता-पिता को किराया देकर टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं. अगर आप ऐसा करते हैं, तो माता-पिता के आयकर रिटर्न में आपके द्वारा भुगतान किए गए किराए को आमदनी के रूप में दिखाना जाना चाहिए, ताकि आगे चलकर कोई परेशानी न हो.

Income Tax HRA Itr Filing
Advertisment