बीते कुछ सालों में जब भी भारतीय कुश्ती का जिक्र होता है, तब-तब विनेश फोगाट का नाम लिया जाता है। विनेश भारत की मशहूर फोगाट सिस्टर्स का हिस्सा हैं। वह एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों सहित दोनों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। भारतीय पहलवान की ट्रॉफी कैबिनेट का हिस्सा विश्व चैंपियनशिप का कांस्य पदक भी है।
पहलवानों के परिवार से आने वाली विनेश फोगाट ने 2013 में 19 वर्षीय पहलवान के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इसके तुरंत बाद उन्होंने 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में भारी उलटफेर किया, जिसमें स्थानीय फेवरेट याना रैटिगन को हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
तब से विनेश फोगाट ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। गोल्ड कोस्ट 2018 कॉमनवेल्थ में स्वर्ण पदक, 2019 में एक ऐतिहासिक विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक और 2021 में एशियाई चैंपियनशिप खिताब सहित कई पदक अपने नाम किए हैं। पिछले कुछ सालों में बहुत कम भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के बेहतरीन प्रदर्शन की बराबरी कर पाए हैं।
अपने लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद भी विनेश फोगाट को अब तक ओलंपिक में सफलता नहीं मिली है। नीचे, हम उन दो ओलंपिक खेलों में विनेश फोगाट के प्रदर्शन के बारे में जानेंगे, जिनका वह हिस्सा रही हैं।
रियो 2016 में जाने के लिए विनेश फोगाट ने 2015 में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। उन्होंने इस्तांबुल में ओलंपिक क्वालीफायर में एक और कमांडिंग डिस्प्ले के साथ समर्थन किया, जहां उन्होंने रियो में महिलाओं के 48 किग्रा डिवीजन में कट बनाने के लिए पोलिश पहलवान इवोना मोटकोव्स्का को मात दी थी।
उस समय सिर्फ 21 वर्षीय विनेश फोगाट ने रोमानिया की एमिलिया अलीना वुक पर तकनीकी श्रेष्ठता से 11-0 की जीत के साथ ओलंपिक की शुरुआत की। हालांकि, भारतीय पहलवान को बाउट की शुरुआत में ही दाहिनी कोहनी में चोट लग गई। इसके बाद वहीं, क्वार्टर फाइनल मुकाबले में विनेश फोगाट का सामना चीन की सन यानन से हुआ और उन्होंने उन्हें कड़ी टक्कर दी।
विनेश ने यानन पर एक पैसिविटी कॉल के कारण बाउट का पहला अंक अर्जित किया, लेकिन चीनी पहलवान ने एक टेकडाउन के साथ दो अंक अर्जित करने के साथ वापसी की। इसी के साथ यानन ने बहुत असहज स्थिति में विनेश फोगाट को नीचे गिरा दिया, जिसके कारण उनके घुटने में चोट लग गई और भारतीय पहलवान दर्द से कराह उठी।
आंखों में आंसू लिए विनेश फोगाट को एक स्ट्रेचर में मैट छोड़ना पड़ा। उनके पहले ओलंपिक खेल का दुर्भाग्यपूर्ण और अनौपचारिक रूप से अंत हुआ।
उनकी चोट ने लोगों को सोच में डाल दिया कि क्या वह फिर कभी मैट पर वापसी कर पाएंगी, लेकिन विनेश फोगाट ने 2018 में ही शानदार वापसी करके प्रशंसकों को हैरत में डाल दिया।
विनेश फोगाट ने रियो और टोक्यो ओलंपिक के बीच 17 चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और 16 में पदक जीते, जिनमें नौ स्वर्ण, छह रजत और एक कांस्य पदक शामिल हैं।
विनेश फोगाट ने कजाकिस्तान में 2019 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद टोक्यो 2020 ओलंपिक में अपना स्थान पक्का किया था। उन्होंने पिछले कुछ सालों में भार वर्ग को भी 53 किग्रा तक बढ़ा दिया था।
कोविड महामारी के कारण टोक्यो खेलों के एक साल के लिए स्थगित होने के बाद विनेश फोगाट ने टोक्यो 2020 में दुनिया की नंबर 1 पहलवान के रूप में प्रवेश किया। वह अपने भार वर्ग में शीर्ष वरीयता प्राप्त थीं, 2021 की पहली छमाही में एक शानदार प्रदर्शन के साथ वह पहली बार एशियाई चैंपियन बनीं।
रियो में मिली असफलता के बाद वह दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ीं और विनेश फोगाट ने अपने टोक्यो ओलंपिक अभियान की शुरुआत स्वीडन की सोफिया मैटसन पर 7-1 की जीत के साथ की, जो रियो 2016 की कांस्य पदक विजेता थीं।
हालांकि, विनेश फोगाट का बेहतरीन वापसी का सपना अधूरा रह गया। बेलारूस की वेनेसा कलादज़िंस्काया की शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय पहलवान पर भारी पड़ी और एक बड़े उलटफेर के साथ अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में विनेश को 3-9 से हार का सामना करना पड़ा।
वहीं, इसके बाद वेनेसा कलादज़िंस्काया को सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा, जिससे भारतीय पहलवान के लिए रेपेचेज की उम्मीदें खत्म हो गईं और इस तरह विनेश फोगाट का टूर्नामेंट का सफर खत्म हो गया। हार के बाद परेशान विनेश फोगाट ने मानसिक स्वास्थ्य कारणों के चलते कुश्ती से ब्रेक लेने की बात कही।
विनेश फोगाट ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “वास्तव में मेरा शरीर नहीं टूटा है, लेकिन मैं पूरी तरह टूट चुकी हूं।”
उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें नहीं पता कि अगर वह वापसी करती हैं तो वह कुश्ती में कब वापसी करेंगी।
उन्होंने कहा, “एक एथलीट के रूप में मानसिक दबाव इतना ज्यादा होता है कि हम हमेशा एक पतली सीमा रेखा पर खड़े रहते हैं। जब यह पार हो जाती है, जो हम कर रहे हैं।”
��िनेश के पास अभी काफी समय है और वह अपने ओलंपिक सपने को पूरा कर सकती हैं। विनेश फोगाट पेरिस 2024 ओलंपिक आने तक केवल 29 वर्ष की ही होंगी।