ओलंपिक खेल पेरिस 2024

पेरिस 2024 ओलंपिक से पहले ट्रेनिंग के दौरान अंशू मलिक के कंधे में हुआ खिंचाव

द्वारा Prathamesh Palshikar
2 मिनट|
Anshu Malik_GettyImages-1413105941
फोटो क्रेडिट Getty Images

पेरिस 2024 ओलंपिक में एक महीने से भी कम समय बचा है लेकिन इससे पहले भारतीय पहलवान अंशू मलिक को प्रशिक्षण के दौरान बाएं कंधे में खिंचाव आ गया है।

22 साल की अंशू मलिक ने इस साल अप्रैल में एशियाई कुश्ती ओलंपिक क्वालीफायर से महिलाओं के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में पेरिस 2024 कोटा हासिल किया था। उन्होंने जून में बुडापेस्ट रैंकिंग सीरीज़ में रजत पदक भी जीता था।

राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता, अंशू कंधे में खिंचाव से पहले पिछले सप्ताह हरियाणा में मिर्चपुर अकादमी लौट आई थी। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने पहलवान से उनकी स्थिति की रिपोर्ट मांगी है और उसकी प्रगति पर करीब से नज़र रख रहा है।

हालांकि, अंशू के पिता और कोच धर्मवीर मलिक ने बताया है कि चिंता करने की कोई बात नहीं है।

धर्मवीर ने पीटीआई को बताया, ''अभ्यास सत्र के दौरान उन्हें खिंचाव का सामना करना पड़ा और एहतियात के तौर पर उन्होंने प्रशिक्षण रोक दिया। उनका एमआरआई भी हुआ और चिंता की कोई बात नहीं है। स्कैन साफ ​​है। दो दिन पहले उन्होंने फिर से प्रशिक्षण शुरू किया है। हम कुछ दिनों में प्रशिक्षण शिविर के लिए जापान रवाना होंगे।”

आपको बता दें कि छह भारतीय पहलवान - अंशू मलिक (महिला 57 किग्रा), अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा), विनेश फोगाट (महिला 50 किग्रा), रीतिका हुड्डा (महिला 76 किग्रा), निशा दहिया (महिला 68 किग्रा) और अमन सहरावत (पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा) - ने पेरिस 2024 ओलंपिक में अपनी जगह सुरक्षित कर ली है।

राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों (एनओसी) के पास ओलंपिक खेलों में अपने संबंधित देशों के प्रतिनिधित्व के लिए विशेष अधिकार हैं और पेरिस खेलों में एथलीटों की भागीदारी पेरिस 2024 में अपने प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करने के लिए उनका चयन करने वाली उनकी एनओसी पर निर्भर करती है।

कोई सेलेक्शन ट्रायल की योजना नहीं होने से, छह कोटा धारक पेरिस 2024 में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं।

अगर अंशू मलिक कुश्ती स्पर्धा के लिए फिट होती हैं, तो टोक्यो 2020 में अपने डेब्यू के बाद वह अपने दूसरे ओलंपिक खेलों में शिरकत करेंगी। गौरतलब है कि अंशु टोक्यो 2020 में प्री-क्वार्टर में अंतिम रजत पदक विजेता इरिना कुराचकिना से हार गई थीं।

हालांकि, अगर उनकी फिटनेस को लेकर कोई चिंता बनी रहती है, तो WFI के पास नामांकन बदलने के लिए 8 जुलाई तक का समय है।

Related content