कर्नाटक बीजेपी के नेताओं को बड़ी राहत मिली है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीजेपी नेताओं को बड़ी राहत देते हुए एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें नेताओं के खिलाफ केस चलाने की मांग की गई थी। याचिका में कर्नाटक के बड़े भाजपा नेताओं के खिलाफ ‘नफरत फैलाने वाले भाषण’ देने के आरोप लगाए गए थे और कार्रवाई की मांग की गई थी।

तेजस्वी सूर्या समेत बड़े नेताओं को मिली राहत

याचिकाकर्ता ने एमपी रेणुकाचार्य, सीटी रवि, तेजस्वी सूर्या, प्रताप सिम्हा समेत राज्य के कई बड़े नेताओं के खिलाफ नफरत भरे भाषण मामले में कार्रवाई की मांग की थी। याचिकाकर्ता का नाम मोहम्मद खलीउल्ला है और उन्होंने दावा किया कि उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए नफरत भरे भाषणों के बारे में पता चला था।

इस मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजरिया की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले को सुना और पाया कि आरोप बहुत ही सामान्य है और प्रामाणिकता की कमी थी। पीठ ने यह भी कहा कि याचिका राजनीति से प्रेरित मालूम पड़ती है।

याचिका को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने सख्त टिप्पणी भी की। उन्होंने कहा, “आप ऐसी याचिकाएं दायर करके हाई कोर्ट के मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं। आप न्यायालय का समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं? याचिका दायर करने से जनहित के अलावा अन्य उद्देश्यों की बू आती है और इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।”

येदियुरप्पा को भी मिल चुकी है राहत

बता दें कि पिछले महीने ही कर्नाटक हाई कोर्ट से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत मिली थी। हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई तक येदियुरप्पा की गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि बीएस येदियुरप्पा पूर्व मुख्यमंत्री हैं और उनके भागने की संभावना नहीं है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि बीएस येदियुरप्पा कोई टॉम, डिक या हैरी नहीं हैं।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि जिस तरह से चीजें घटित हुई हैं, उससे संदेह है कि इस मामले में कुछ छिपा हुआ है। वहीं राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि इसमें कुछ भी छिपा नहीं है।