Delhi Police: राजधानी दिल्ली में पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने इंटरनेशनल किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है, जिसका सीधा कनेक्शन पड़ोसी देश बांग्लादेश से है। क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में दिल्ली के एक बड़े अस्पताल की महिला डॉक्टर समेत कुल 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में सामने आया है कि यह रैकेट बांग्लादेश से लेकर राजस्थान तक चल रहा था, जिसमें 50 वर्षीय महिला डॉक्टर की अहम भूमिका थी।

दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद जब महिला डॉक्टर से सख्ती से पूछताछ की तो सभी दंग रह गए। उसने बताया है कि वह अब तक 1 या 2 नहीं बल्कि 16 ऑपरेशन कर चुकी है और यह किडनी का काला धंधा बांग्लादेश से चलता था, जिसका दिल्ली दिल्ली एनसीआर के बड़े अस्पताल में होता है।

जांच मे जुटी दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम को पता लगा है कि महिला डॉक्टर ने जितने भी 15-16 ऑपरेशन किए हैं, वे सभी नोएडा के एक अस्पताल में हुए हैं। महिला डॉक्टर पर आरोप है कि उसके प्राइवेट असिस्टेंट के बैंक अकाउंट में ही इस अवैध किडनी ट्रांसप्लांट के धंधे का पैसा आता था और फिर डॉक्टर उसे खुद कैश में निकलवा लेती थी।

इस रैकेट को लेकर खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश के डायलिसिस सेंटर में बीमार लोगों को लाया जाता था और यह देखा जाता था कि किसी किडनी की जरूरत है, और क्या वह किडनी के लिए 25-30 लाख रुपये दे सकता है या नहीं। इसके बाद रैकेट के लोग मरीज को इंडियन मेडिकल एजेंसी के जरिए इलाज के लिए भारत भेज देते थे।

गरीब बांग्लादेशियों की निकालते थे किडनी

दूसरी ओर एक गैंग ऐसा भी था जो कि गरीब बांग्लादेशियों को ढूंढकर उन्हें पैसों और नौकरी का लालच देते थे। ऐसे लोगों को भारत लाकर नकली दस्तावेज के जरिए महिला डॉक्टर के जरिए किडनी निकाल कर जरूरतमंद मरीज को लगा देते थे और बदले में 25-30 यहां तक कि 35 लाख रुपये तक वसूल लेते थे।

इस घटनाक्रम में अपोलो अस्पताल की भूमिका सामने आई है, जिसको लेकर अस्पताल ने भी सफाई दी है और कहा कि महिला डॉक्टर अस्पताल में पेरोल पर नहीं बल्कि सर्विस के बदले निश्चित फीस पर नियुक्त थीं, उसे सस्पेंड कर दिया गया है।