Delhi Congress Crisis: दिल्ली में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Chunav 2024) के लिए वोटिंग से कुछ दिन पहले ही एक बड़ा झटका लगा है। अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से न केवल इस्तीफा दिया है, बल्कि लोकसभा चुनाव के लिए बंटे टिकटों को लेकर भी नाराजगी जताई है। इतना ही नहीं, लवली ने आम आदमी पार्टी (Aam Adami Party) से कांग्रेस के गठबंधन पर दिल्ली यूनिट की नाराजगी की बात भी अपने इस्तीफे में लिखकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को भेजी।

अरविंदर सिंह लवली दिल्ली में कांग्रेस पार्टी का एक बड़ा सिख चेहरा माने जाते हैं। इसीलिए पार्टी ने उन्हें दिल्ली के सरदार के तौर पर प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया था लेकिन चुनावी समर में लवली का इस्तीफा पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। उनके इस्तीफे को लेकर दिल्ली के ही एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि लवली सिख वोटर्स के बीच कांग्रेस की पैठ बनाने में सफल साबित हुए थे। ऐसे में अब जब लवली ने इस्तीफा दे दिया है, तो सीधे तौर पर इसका नुकसान दिल्ली के सिख बहुल इलाकों में आप-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों को हो सकता है।

कांग्रेस के एक अन्य नेता का कहना है कि दिल्ली में लवली के इस्तीफे के बाद लवली के समर्थक और पार्टी में उनके आने के बाद जुड़े कार्यकर्ता, दोनों ही खुश नहीं होंगे और इसका नुकसान दिल्ली के तिलक नगर, हरि नगर, राजौरी गार्डन लक्ष्मी नगर, सिविल लाइंस, और जंगपुरा जैसे विधानसभा क्षेत्रों में देखने को मिलेगा और आप-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों को इसका नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ेगा।

कन्हैया कुमार पर क्यों हमलावर हैं अरविंदर सिंह लवली?

कांग्रेस के आंतरिक सूत्रों ने कहा यह भी कहना कि लवली को पार्टी आलाकमान की तरफ से यह भरोसा दिया गया था कि पार्टी लोक���भा चुनावों में कई पुराने लोगों को टिकट दे सकती है। ऐसा कहा जाता है कि वह दिल्ली उत्तर पूर्व से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन वहां से पार्टी ने कन्हैया कुमार को टिकट दे दिया, जिसको लेकर लवली सबसे ज्यादा नाराज नजर आए हैं। इसके अलावा अरविंदर सिंह लवली ने अपने इस्तीफे में दिल्ली के प्रभारी दीपक बाबरिया को भी निशाने पर लिया और उनके व्यवहार पर आपत्ति जताई थी।

अभी और भी हो सकते हैं इस्तीफे

दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में और अधिक इस्तीफों की पेशकश हो सकती है। नेताओं ने कहा कि लवली दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक महत्वपूर्ण वर्ग में शामिल हैं, जो राष्ट्रीय राजधानी में आप के खिलाफ एक राजनीतिक, भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा बनाने में सक्षम रहे हैं।

एक कांग्रेस नेता ने कहा कि लवली उन नेताओं में से हैं जिनके खिलाफ सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने 2013 में ही मोर्चा खोल दिया था। लवली के अलावा इसमें संदीफ दीक्षित और राजकुमार चौहान का नाम भी है। चौहान ने पिछले हफ्ते ही दीपक बाबरिया के व्यवहार पर आपत्ति जताते हुए पार्टी छोड़ दी थी।

पार्टी में ही दो फाड़ की स्थिति

दिलचस्प बात यह है कि लवली का इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है जब एक दिन पहले ही दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों सहित सिख समुदाय के एक हजार से अधिक सदस्यों ने के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में बीजेपी की सदस्यता ली है। लवली के इस्तीफे पर भड़के पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ मोहम्मद खान ने कहा, ”आपको बाबरिया से शिकायत हो सकती है, इसलिए आलाकमान के पास जाएं और उन्हें चुपचाप सुलझा लें। जब शीला दीक्षित को डीपीसीसी अध्यक्ष बनाया गया तो उन्हें भी यहीं से लाया गया था।”

इसके साथ ही खान ने आप के साथ गठबंधन के बारे में लवली की चिंताओं को खारिज कर दिया और कहा कि आप के साथ समन्वय यही लोग कर रहे थे। बता दें कि लवली ने न केवल कन्हैया कुमार बल्कि उदित राज को टिकट मिलने पर भी नाराजगी जताई थी, जो कि 2019 में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।