दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार 9 जुलाई 2024 को पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह की ओर से दायर याचिका पर एक रियल एस्टेट फर्म को नोटिस जारी किया। याचिका में युवराज सिंह ने उनके और रियल एस्टेट फर्म के बीच विवादों का फैसला करने के लिए मध्यस्थ की नियुक्ति की मांग की गई है। न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने सिंह की याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई की और रियल एस्टेट फर्म ब्रिलियंट एटोइल प्राइवेट लिमिटेड से जवाब मांगा।

14.10 करोड़ रुपये थी फ्लैट की कीमत

barandbench की खबर के मुताबिक, युवराज सिंह ने व्यक्तित्व अधिकारों के उल्लंघन और कंपनी पर बुक किए गए फ्लैट की डिलीवरी में देरी का आरोप लगाया है। युवराज सिंह ने 2021 में दिल्ली के हौज खास में रियल एस्टेट फर्म के साथ एक फ्लैट बुक किया था। उस समय, फ्लैट की कीमत लगभग 14.10 करोड़ रुपये बताई गई थी।

बिल्डर ने कम गुणवत्ता वाली सामग्री का किया इस्तेमाल?

पूर्व क्रिकेटर को नवंबर 2023 में कब्जा पत्र मिला, लेकिन जब उन्होंने संपत्ति का निरीक्षण किया, तो फ्लैट घटिया गुणवत्ता का पाया गया। युवराज सिंह का कहना है कि बिल्डर ने सामग्री की गुणवत्ता से समझौता किया और अपार्टमेंट की फिटिंग, साज-सज्जा, रोशनी और फिनिशिंग की गुणवत्ता को कम कर दिया इसलिए उन्होंने फ्लैट की डिलीवरी में देरी और घटिया सामग्री के इस्तेमाल के लिए हर्जाना मांगा।

अपने व्यक्तित्व अधिकारों के उल्लंघन के पहलू पर युवराज सिंह का कहना है कि डेवलपर ने उनके ब्रांड मूल्य का दुरुपयोग किया है और समझौते की शर्तों से परे उनके व्यक्तित्व अधिकारों का इस्तेमाल कर समझौता ज्ञापन (एमओयू) की शर्तों का उल्लंघन किया है।

एमओयू के अनुसार, युवराज सिंह को संबंधित परियोजना को बढ़ावा देना और उसका समर्थन करना था। एमओयू पिछले साल 23 नवंबर को समाप्त हो गया था, लेकिन बिल्डर ने कथित तौर पर ऐसा करना जारी रखा। युवराज सिंह ने कहा है कि एमओयू की समाप्ति के बावजूद बिलबोर्ड, प्रोजेक्ट साइट, सोशल मीडिया पोस्ट, लेख आदि पर उनकी तस्वीरों के इस्तेमाल समेत उनके ओर से दी गई सेवाओं के कथित रूप से जारी व्यावसायिक इस्तेमाल से वह व्यथित हैं। युवराज सिंह ने जून में डेवलपर मेसर्स ब्रिलियंट एटोइल प्राइवेट लिमिटेड को मध्यस्थता के लिए दो नोटिस भेजे।